12 ट्रेनी एसआई की जमानत पर लगी रोक

राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा मामले में एसओजी को बड़ी राहत मिली है। निचली अदालत (चीफ महानगर मजिस्ट्रेट) से सशर्त जमानत पाए 12 ट्रेनी एसआई आरोपियों की रिहाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

12 ट्रेनी एसआई की जमानत पर लगी रोक

राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा मामले में एसओजी को बड़ी राहत मिली है। निचली अदालत (चीफ महानगर मजिस्ट्रेट) से सशर्त जमानत पाए 12 ट्रेनी एसआई आरोपियों की रिहाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। पिछले दिनों मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने 24 घंटे के अंदर पेश न किए जाने पर इन्हें सशर्त जमानत दी थी। एसओजी ने निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एसओजी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुदेश बंसल ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। 

एसआई पेपर लीक मामले में सशर्त जमानत पाने वाले ट्रेनी एसआई में थर्ड टॉपर सुरेंद्र कुमार, छठी रैंक धारक दिनेश विश्नोई और 10 वीं रैंक वाले मालाराम विश्नोई के साथ ही राकेश, सुभाष विश्नोई, अजय विश्नोई, जयराज सिंह, मनीष बेनीवाल, मंजू विश्नोई, चेतन सिंह मीणा, हरखू चौधरी और कांस्टेबल अभिषेक विश्नोई शामिल थे। अब इन सभी की रिहाई पर रोक लग गई है।

सोमवार को एसओजी ने 4 और आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। एसओजी ने इन आरोपियों को कल राजस्थान पुलिस अकादमी से गिरफ्तार किया था। एसओजी ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड दी। इन चारों आरोपियों पर अपने बदले डमी कैंडिडेट बिठाने का आरोप है। एसओजी ने इन आरोपियों पर फोटो एडिट कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में आईपीसी 467, 468 और 471 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

जयपुर की हाईकोर्ट बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान एसओजी के तर्कों पर जज ने पूछा कि आप रिमांड पर लेकर क्या जानना चाहते हैं? जवाब में जांच अधिकारी ने कहा कि हम इनकी फोटो एफएसएल जांच के लिए भेजेंगे, क्योंकि इन्होंने फोटो एडिट किया है पैसों के लेनदेन के बारे में भी पूछताछ करेंगे कोर्ट ने फॉर्म में लगी फोटो देखकर कहा कि एक फोटो बदली हुई नजर आ रही है, लेकिन बाकी सभी तो हुबहू मिल रही है आप कैसे कह रहे हैं कि फोटो दूसरी है? इस पर जांच अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक जांच से स्पष्ट हुआ है कि इन्होंने फोटो बदली है

एसओजी ने कोर्ट में यह भी कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे इस पर कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी के मनमाफिक चीजें नहीं करना असहयोग करना नहीं होता है