जगदीप धनखड़ को विधायक पेंशन मंजूर
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक की पेंशन मंजूर हो गई है। यह पेंशन उनके उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा स्वीकार होने की तारीख से लागू होगी।

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक की पेंशन मंजूर हो गई है। कुछ दिनों पहले उन्होंने इसके लिए आवेदन किया था। यह पेंशन उनके उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा स्वीकार होने की तारीख से लागू होगी।
धनखड़ राजस्थान की किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी से 1993 से 1998 तक विधायक रहे थे। उनको पूर्व विधायक के तौर पर जुलाई 2019 तक पेंशन मिलती थी। पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने के बाद यह पेंशन बंद हो गई थी।
एनडीए के उम्मीदवार के तौर पर धनखड़ 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह करीब 3 साल उपराष्ट्रपति के पद पर रहे और बीते 21 जुलाई को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देते ही जमकर बवाल हुआ है। विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
राजस्थान विधानसभा में किसी भी विधायक को सदस्य रहते वेतन और उसके कार्यकाल पूरा होने के बाद पेंशन देने के प्रावधान हैं। विधायक को एक कार्यकाल के लिए 35 हजार रुपए की मासिक पेंशन मिलती है। अगर कोई जनप्रतिनिधि एक से ज्यादा बार विधायक रहा है, तो पहले कार्यकाल की 35 हजार पेंशन के साथ अन्य कार्यकाल की पेंशन 20 प्रतिशत ही मिलती है।
झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में पैदा हुए जगदीप धनखड़ ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनता दल से की और 1989 में झुंझुनूं से सांसद बने। वह चंद्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहे। इसके बाद वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1991 में लोकसभा चुनाव लड़ा, लकिन हार गए। बाद में 1993 के विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमाई और विधायक बने। जगदीप धनखड़ अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा सीट से 1993 से 1998 तक कांग्रेस के विधायक रहे।