केजरी प्रकरण से मोदी सरकार की छवि पर असर

केजरीवाल की गिरफ्तारी की चर्चा विदेशी मीडिया और राजनयिक दुनिया में भी हो रही है। इस मुद्दे को लेकर विदेशों में बन रही राय पर गौर करें तो इसमें दो राय नहीं कि दिल्ली सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी से मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है।

केजरी प्रकरण से मोदी सरकार की छवि पर असर

केजरीवाल की गिरफ्तारी की चर्चा विदेशी मीडिया और राजनयिक दुनिया में भी हो रही है। इस मुद्दे को लेकर विदेशों में बन रही राय पर गौर करें तो इसमें दो राय नहीं कि दिल्ली सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी से मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है।

वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स अमेरिका के बड़े अखबार हैं। वॉशिंगटन पोस्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को मोदी सरकार की तरफ से विपक्ष के खिलाफ की गई कार्रवाई के रूप में पेश किया। उसने लिखा, भारत ने विपक्ष पर कार्रवाई के तहत दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया। भारत यानी भारत सरकार जिसके मुखिया नरेंद्र मोदी है। इसी तरह न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा, भारतीय विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुस्लिम दुनिया का मुखपत्र माने जाने वाले- अल जजीरा ने तो भारत के लोकतंत्र को मृत बता दिया। उसने लिखा, मृत लोकतंत्र: क्या अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भारत के विपक्ष को एकजुट करेगी?

बात यहीं तक सीमित नहीं है। पहले जर्मनी और फिर अमेरिका की तरफ से आधिकारिक बयान भी सामने आ गया है। केजरीवाल की गिरफ्तारी के अगले ही दिन जर्मनी के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता सेबेस्टियन फिशर ने कहा कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह केजरीवाल को भी निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई का अधिकार है। अमेरिका ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने इस मामले में ईमेल से भेजे गए एक सवाल के जवाब में कहा, हम मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया को प्रोत्साहित करते हैं।

हालांकि भारत ने जर्मनी और अमेरिका, दोनों की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। पर इसमें कोई संदेह नहीं कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विदेशों में चर्चा मात्र से ही मोदी सरकार की छवि प्रभावित हो सकती है। केजरीवाल से दुनिया में एक बज क्रिएट होता दिख रहा है।