राजस्थानः पहले चरण में कई दिग्गजों की साख दांव पर

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की 12 सीटों के लिए कल होने वाले मतदान में केंद्र के दो मंत्रियों सहित कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है।

राजस्थानः पहले चरण में कई दिग्गजों की साख दांव पर

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की 12 सीटों के लिए कल होने वाले मतदान में केंद्र के दो मंत्रियों सहित कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है खासकर बीकानेर, अलवर, दौसा, नागौर, चूरू और जयपुर की दो सीटों पर केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कई बड़े नेता मैदान में हैं  

इन हॉट सीटों में से एक बीकानेर सीट से केंद्र सरकार में कानून मंत्री मंत्री अर्जुन राम मेघवाल चुनाव लड़ रहे हैं उनके सामने कांग्रेस ने गहलोत सरकार में केबिनेट मंत्री रहे गोविंद राम मेघवाल को उतारा है बीकानेर से तीसरी बार सांसद बनने की कोशिश में लगे अर्जुन राम मोदी मैजिक के सहारे नैया पार होने की उम्मीद कर रहें है वहीं, गोविंद राम मेघवाल बेरोजगारी-महंगाई जैसे मुद्दों के सहारे कड़ी टक्कर देने की कोशिश में हैं। वैसे, लोकसभा के लिहाज से बीकानेर सीट भाजपा के लिए अनुकूल मानी जाती है

राजस्थान में अलवर सीट की भी खूब चर्चा हो रही है। यहां से पीएम मोदी के करीबी राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं कांग्रेस ने उनके सामने स्थानीय युवा नेता ललित यादव को टिकट दिया है यादव बहुल सीट पर यहां मुकाबला रोचक हो गया है

इसके अलावा चूरू लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से पैरा-ओल्मियन देवेंद्र झाझडिया चुनाव लड़ रहें है उनका मुकाबला इस सीट से भाजपा के दो बार सांसद रहे और इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राहुल कस्वां से है चूरू जिले की तारानगर सीट से विधायक का चुनाव हारने के बाद भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ का सियासी भविष्य इस सीट के चुनाव परिणाम पर काफी कुछ निर्भर कर रहा है। देवेंद्र झाझडिया की टिकट की पैरवी करने वाले राठौड़ अगर ये सीट हारते हैं, तो उनके राजनीतिक करियर पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं इस सीट पर मुकाबला इतना कड़ा है कि पीएम मोदी तक को सभा कर वोट की अपील करनी पड़ी है

इन सीटों के अलावा जाट लैंड की सबसे प्रमुख सीट कही जाने वाली नागौर के चुनाव की चर्चा भी दिल्ली तक है इंडिया गठबंधन में आरएलपी के हनुमान बनीवाल और कभी कांग्रेसी रहे मिर्धा परिवार की तीसरी पीढ़ी की नेता ज्योति मिर्धा भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रही है दोनों नेता 2019 के चुनाव में भी आपने सामने थे, लेकिन तब ज्योति कांग्रेस से और हनुमान का एनडीए गठबंधन का हिस्सा थे हनुमान ने वो चुनाव जीता था इस सीट पर जातिगत समीकरण सबसे अधिक हावी हैं।

पूर्वी राजस्थान की दौसा ऐसी सीट है जहां भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों से अधिक दोनों दलों के दो दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है। भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा से कहीं अधिक राजस्थान सरकार के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर है। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीणा से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के लिए यह सीट जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।  कन्हैया लाल वर्तमान में विधायक भी हैं किरोड़ी लाल मीणा अपने चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव नहीं जीतने पर मंत्री पद तक छोड़ने की बात कह चुके हैं

इसी तरह से झुंझुनूं सीट से ओला परिवार की साख भी जुड़ी हुई है इस सीट से वर्तमान में कांग्रेस विधायक बृजेन्द्र ओला चुनाव मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने विधायक का चुनाव हार चुके शुभकरण चौधरी पर दांव खेला है झुंझुनू सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है

प्रदेश की राजधानी जयपुर की दोनों सीटों का चुनाव भी पहले चरण में है भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले जयपुर-शहर में मुकाबला गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह और भाजपा की मंजु शर्मा के बीच है भाजपा और कांग्रेस दोनों ने इस सीट पर टिकट बदला है मंजु शर्मा ने मोदी के नाम के सहारे वोट मांगे हैं, तो प्रताप सिंह अपना राजनीतिक वजूद बचाने की लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दिये हैं इस सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी है। वहीं, जयपुर-ग्रामीण सीट पर भाजपा ने पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह को औऱ कांग्रेस ने युवा नेता अनिल चोपड़ा को मैदान में उतारा है। इस सीट पर भी मुकाबला कांटे का है, लेकिन भाजपा आगे दिख रही है।