टीचर ने कहा-मेरी आत्मा मर गई, मनाई तेरहवीं

रिटायर्ड टीचर ने अपनी तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर उन्होंने शोक संदेश वाला कार्ड भी छपवाया और  रिश्तेदारों व दोस्तों को स्वल्पाहार पर बुलाया। उन्होंने कहा, मैं जिंदा हूं, लेकिन मेरी आत्मा मर गई है।

टीचर ने कहा-मेरी आत्मा मर गई, मनाई तेरहवीं

मध्य प्रदेश के दमोह जिले से अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां एक रिटायर्ड टीचर ने अपनी तेरहवीं का कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर उन्होंने शोक संदेश वाला कार्ड भी छपवाया और  रिश्तेदारों व दोस्तों को स्वल्पाहार पर बुलाया। उन्होंने कहा, मैं जिंदा हूं, लेकिन मेरी आत्मा मर गई है। इसलिए अपनी तेरहवीं खुद कर रहा हूं।

सरकारी स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक जय प्रकाश सोनी दमोह के फुटेरा वार्ड-1 में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके घर में भरपूर प्रेम है। किसी तरह का आपसी विवाद नहीं है। पर अचानक सोनी ने अपना ही शोक संदेश छपवा दिया। इसमें उन्होंने लिखा, मेरी आत्मा मर चुकी है। मेरा आत्मा विहीन शरीर स्वस्थ्य रहे। इसलिए मैंने अपने स्वजनों को स्वल्पाहार पर बुलाया है। उन्होंने अपने साथ-साथ अपने बेटे की तस्वीर भी शोक संदेश में छपवाई।

उनके इस कदम से उस वक्त खलबली मच गई, जब ये कार्ड सोनी के रिश्तेदारों, समाज के लोगों और परिचितों को मिले। बताया जा रहा है कि घरवालों ने उनके इस आयोजन का विरोध किया था। सोनी की बहन को जब इस आयोजन की खबर मिली तो वे आनन-फानन में इंदौर से दमोह पहुंचीं। उन्होंने कहा कि ये अपशगुन है। मगर सोनी ने किसी की भी नहीं सुनी।

फिर 31 मार्च की रात को तेरहवीं का आयोजन किया गया। इस दौरान पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-पाठ और सुंदरकांड पाठ हुआ। इसमें सोनी खुद शामिल हुए और अपने ही हाथों से लोगों को व्यंजन परोसे। तेरहवीं कार्यक्रम के लिए सोनी के घर पहुंचे लोगों ने कहा कि इस तरह का आयोजन उन्होंने जिंदगी में पहली बार देखा है। सोनी की पत्नी और बेटे ने कहा कि हमने पिताजी को बहुत समझाया कि ये ले गलत है। लेकिन वे जिद पर अड़े रहे। आखिरकार पूरे परिवार को उनके आगे हार माननी पड़ी। इसे लेकर जयप्रकाश सोनी ने कहा कि वे अब शांति के जीवन जीना चाहते हैं और मोहमाया से दूर होना चाहते हैं। इसलिए ये आयोजन किया हैं।