टापुओं के नामकरण पर गरमायी सियासत

टापुओं के नामकरण पर गरमायी सियासत

राजस्थान के बांसवाड़ा रेंज संभागीय आयुक्त नीरज के पवन द्वारा माही बांध के बैक वॉटर में स्थित टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर करने के बयान पर सियासत गरमा गई है बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर और प्रतापगढ़ जिले में सुझाव के समर्थन और विरोध में स्वर उभरने लगे हैं

चौरासी क्षेत्र के विधायक राजकुमार रोत ने इसका विरोध किया करते हुए कहा, टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर न करके आदिवासी समाज के महापुरुषों के नाम किया जाए क्योंकि जो आज एक सुन्दर बांसवाड़ा है, उसके निर्माण में हजारों आदिवासियों ने अपनी शहादत दी है द्वीपों का नामकरण होगा तो उनके नाम से होगा

संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने लिखा था, बांसवाड़ा के 100 टापुओं (द्वीपों) का नामकरण रामायण के पात्रों पर किया जाएगाआगामी सर्दियों तक इन द्वीपों को रामायण के पात्रों के नाम से जाना जाएगा, तो रामायण आपके और हमारे बीच में हमेशा जिंदा रहेगी इसके बाद भारत आदिवासी पार्टी और भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेताओं में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया, जो वागड़ से लेकर मेवाड़ और कांठल क्षेत्र तक पहुंच गया है 

इस मसले पर पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता धनसिंह रावत ने जारी एक बयान में कहा, भगवान राम हम सब के आराध्य हैं तो उनके नाम पर यदि टापुओं का नामकरण होता है तो इसका हम समर्थन करते हैं रावत ने रोत को रामचरित मानस पढ़ने की नसीहत दी वहीं भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शीतल भंडारी और युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपसिंह वसुनिया ने भी विधायक राजकुमार रोत के बयान का विरोध किया है

कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने भी विधायक राजकुमार रोत के व्यक्तव्य का विरोध किया है उन्होंने कहा कि भगवान राम के बारे में किसी भी तरह की टिप्पणी करना अनुचित है वहीं उदयपुर के कोटडा में भी इसको लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया. जबकि बांसवाड़ा और डूंगरपुर में ज्ञापन देकर टापुओं का नामकरण रामायण के पात्रों पर करने की मांग की गई है